प्रस्तावना: क्या है न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग?
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग (Neuromorphic Computing) एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक है जो मानव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को कंप्यूटर चिप्स में दोहराने की कोशिश करती है। इसमें कंप्यूटर हार्डवेयर को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाता है कि वह ब्रेन के न्यूरॉन्स और सिनेप्स की तरह सोच सके, सीख सके और निर्णय ले सके।
इस तकनीक का उद्देश्य परंपरागत कंप्यूटिंग सिस्टम की सीमाओं को पार करना और ऊर्जा कुशल, तेजी से निर्णय लेने वाले और कम लेटेंसी वाले स्मार्ट सिस्टम बनाना है।
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग कैसे काम करती है?
न्यूरोमॉर्फिक चिप्स खास न्यूरॉन्स और सिनेप्स की तरह डिज़ाइन किए गए इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करते हैं। पारंपरिक कंप्यूटर जहां सीरियल प्रोसेसिंग करते हैं, वहीं न्यूरोमॉर्फिक चिप्स पैरेलल प्रोसेसिंग में सक्षम होते हैं — जैसे इंसानी दिमाग करता है।
इन चिप्स में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:
- स्पाइक-आधारित प्रोसेसिंग (Spiking Neural Networks)
यह तकनीक इंसानी दिमाग की तरह काम करती है, जिसमें जानकारी एक स्पाइक (इलेक्ट्रिकल पल्स) के रूप में ट्रांसमिट होती है। - लो पावर कंजंप्शन
न्यूरोमॉर्फिक चिप्स बहुत कम ऊर्जा में बहुत अधिक प्रोसेसिंग कर सकते हैं। - रीयल-टाइम लर्निंग
ये सिस्टम चलते-चलते डेटा से सीख सकते हैं, जिससे मशीनें तेजी से अनुकूलन कर पाती हैं।
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग बनाम ट्रेडिशनल कंप्यूटिंग
पैमाना | ट्रेडिशनल कंप्यूटिंग | न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग |
---|---|---|
प्रोसेसिंग स्टाइल | सीरियल | पैरेलल |
ऊर्जा की खपत | अधिक | कम |
लर्निंग एबिलिटी | स्थिर एल्गोरिदम पर आधारित | रीयल-टाइम लर्निंग |
इंस्पिरेशन स्रोत | गणितीय लॉजिक | मानव मस्तिष्क |
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के अनुप्रयोग
- स्वायत्त वाहन (Autonomous Vehicles)
बेहतर निर्णय लेने और बाधा पहचान के लिए। - स्मार्ट रोबोटिक्स
संवेदनशील और सिखने योग्य रोबोट बनाने में सहायक। - डिफेंस और एयरोस्पेस
तेज निर्णय क्षमता और कम पावर उपयोग के लिए। - हेल्थकेयर
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज के लिए बायोनिक सिस्टम बनाना। - साइबर सिक्योरिटी
खतरों की पहचान में तेज और प्रभावी।
कौन-कौन सी कंपनियाँ कर रही हैं काम?
- Intel – Loihi Chip:
इंटेल ने Loihi नाम का न्यूरोमॉर्फिक चिप विकसित किया है, जो रीयल-टाइम लर्निंग और लो पावर प्रोसेसिंग में सक्षम है। - IBM – TrueNorth:
IBM ने न्यूरोइंस्पायर्ड कंप्यूटिंग सिस्टम बनाया है जिसमें 1 मिलियन से अधिक सिंथेटिक न्यूरॉन्स हैं। - BrainChip – Akida:
यह एक कम पावर पर चलता हुआ न्यूरोमॉर्फिक प्रोसेसर है, जो एज कंप्यूटिंग के लिए डिजाइन किया गया है।
भारत में न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग
भारत में यह तकनीक अभी आरंभिक चरण में है, लेकिन आईआईटी और अन्य शोध संस्थान इस पर रिसर्च कर रहे हैं। आने वाले समय में भारत में इस क्षेत्र में स्टार्टअप्स और इंडस्ट्री इनोवेशन देखने को मिल सकते हैं।
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग का भविष्य
भविष्य में यह तकनीक:
- सुपरफास्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लिकेशन को सक्षम बनाएगी।
- एज डिवाइसेज़ (जैसे स्मार्टफोन, IoT डिवाइसेज़) में तेज और स्मार्ट प्रोसेसिंग देगी।
- हेल्थकेयर और डिफेंस जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है।
निष्कर्ष
न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग भविष्य की एक क्रांतिकारी तकनीक है, जो इंसानी दिमाग की तरह सोचने और सीखने वाली मशीनों की नींव रखती है। जैसे-जैसे डेटा और एआई का महत्व बढ़ रहा है, वैसे-वैसे न्यूरोमॉर्फिक सिस्टम की जरूरत भी बढ़ेगी। भारत को भी इस तकनीक में निवेश कर भविष्य के लिए तैयार रहना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग क्या है?
उत्तर: यह एक कंप्यूटिंग तकनीक है जो मानव मस्तिष्क की कार्यशैली की नकल करती है ताकि सिस्टम कम ऊर्जा में तेज और बुद्धिमान निर्णय ले सकें।
प्रश्न 2: क्या न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अलग है?
उत्तर: यह AI का ही एक विशेष रूप है जो हार्डवेयर स्तर पर ब्रेन-इंस्पायर्ड डिजाइन का उपयोग करता है।
प्रश्न 3: क्या यह तकनीक भारत में भी विकसित हो रही है?
उत्तर: हाँ, भारत में कई रिसर्च संस्थान इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
प्रश्न 4: इसे किन क्षेत्रों में प्रयोग किया जा सकता है?
उत्तर: ऑटोमेशन, हेल्थकेयर, डिफेंस, रोबोटिक्स, और साइबर सिक्योरिटी में इसका उपयोग किया जा सकता है।